Article Abstract

प्राचीन काल में जजमानी प्रथा आत्मनिर्भर ग्रामीण अर्थव्यवस्था रही है, यह इसमें विभिन्न आवश्यकताओं यथा वस्तु, उत्पाद, सेवा आदि की पूर्ति विनिमय के माध्यम से की जाती थी