à¤à¥‚मंडलीकरण के इस यà¥à¤— में साहितà¥à¤¯ और साहितà¥à¤¯à¤•ार की à¤à¥‚मिका बॠजाती है। वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में जब पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¸à¥à¤ªà¤°à¥à¤§à¤¾, वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त होड़ और वंरà¥à¤šà¤¸à¥à¤µ की लड़ाई जोरों पर है तब साहितà¥à¤¯ का दायितà¥à¤µ गहरा हो जाता है। वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• मीडिया पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°-पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° सूचना कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति हाईटेक जीवन शैली, घराना संसà¥à¤•ृति आज आधà¥à¤¨à¤¿à¤•ता का परà¥à¤¯à¤¾à¤¯ बन गयी है। इन सब परिवरà¥à¤¤à¤¨à¥‹à¤‚ में ‘मानवइंसान’वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ कहीं लृपà¥à¤¤ सा होकर हाशिये पर आ गया है। पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ यह उठता है कि कà¥à¤¯à¤¾ ये सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ की देन है। तो à¤à¤¸à¤¾ नहीं है बलà¥à¤•ि लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ और सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ के मधà¥à¤¯, अधिकार और कतà¥à¤°à¥à¤¤à¤µà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के बीच, शोषक और शोषित के मधà¥à¤¯ धनी और निरà¥à¤§à¤¨ के बीच, गहरी रेखा हर यà¥à¤— में सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ दिखाई दी है। हमारा साहितà¥à¤¯ इस बात का गवाह है कि सदियों से समाज में अधिकारों के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ मानव का सà¥à¤µà¤° मà¥à¤–र हà¥à¤† है।गीता, रामायण, महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ से लेख आधà¥à¤¨à¤¿à¤• साहितà¥à¤¯ तक में मानवाधिकारों के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ चेतना का सà¥à¤µà¤° दिखाई देती है।