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वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में नवीन आयाम | Original Article

श्रीमती सुनीता चौहान in Shodhaytan (RNTUJ-STN) | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

वित्तीय क्षेत्र देश के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस क्षेत्र का  मुख्य घटक वितीय संस्थाए है। जो निवल बचतकर्ताओं एंव निवल उधारकर्ताओं अर्थात उन लोगों से जो अपनी आमदनी से कम खर्च करते है, उन लोंगों को जो अपनी आमदनी से अधिक खर्च करते है, को संसाधनों के अंतरण का काम करता है। वित्तीय संस्थाए परंपरागत रूप से, अर्थव्यवस्ता की दीर्घावधि निधियों का एक प्रमुख स्रोत रही है। ये संस्थाएँ वाणिज्यिक क्षेत्र की विभिन्न जरूरतों को पूरा करने के लिए कई प्रकार के वितीय उत्पाद और सेवाएं प्रदान करती है। इसके अलावा, नए उद्यमियों लघु एंव मध्यम कर्मी तथा पिछडे़  इलाकों में स्थापित उद्योगों को सहायता प्रदान करती है। इस प्रकार, इन्होने व्यापक औद्योगिक विकास को प्रोत्साहन न देंते हुए क्षेत्रीय विषमताओं को कम करने मे मदद की है। प्रस्तुत शोध पत्र मे इस विषयक वितीय सेवाओं का व्यापक अध्ययन को प्रतिपादित किया गया है। इस शोधपत्र में वितीय सेवाओं के व्यापक अध्ययन को प्रतिपादित किया गया है।