लेखांकन में संगणक (कम्प्यूटराईज़्ड एकाउंटिंग) के प्रयोग का अध्ययन | Original Article
संपूर्ण विश्व में आज तक का इतिहास है कि किसी न किसी राजा महाराजा व्यापारी, साहूकार सभी अपने व्यवसाय या आय-व्यय के हिसाब व लेखा जोेखा के लिए निश्चित तौर पर एक न एक मुनीम अवश्य ही रखते थे। ताकि वह समस्त लेन देन की संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सके पर धीरे धीरे समय के बदलाव के साथ लोगों की विचार व विचार धाराओं में तथा लेखांकन पद्धितियों में तकनीकी में परिवर्तन होता रहा। जिसका प्रभाव कही न कही किसी न किसी रूप में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से पड़ता है।