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कृषि अर्थव्यवस्था में नाबार्ड की योजनाओं और मूल्यांकन का विश्लेषण | Original Article

डॉ. बसंती मैथ्यू in Shodhaytan (RNTUJ-STN) | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

कृषि अर्थव्यवस्था- भारत का मूल आधार है, क्योकि भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहाँ कृषक बसते है, परन्तु आज के समय में ये कृषक बैंकों की नीतियों ऋण, बीमा योजनाओं के गिरफत में आ गये है, जिसमें सूखा बाढ, मुख्य कारण है, इन कृषकों के जीवन को तथा कृषि अर्थव्यवस्था को सुचारू रूप प्रदान करने में बैंकों का विशेष योगदान रहा है, जिसमें नाबार्ड प्रमुख है जो रिजर्व बैंक की नीतियों के आधार पर अन्य बैंको को पुनर्वित्त प्रदान करता है और जिसके माध्यम से अन्य बैंक कृषकों को ऋण प्रदान करते है, जिसमें किसान केडिट कार्ड योजना फसल ऋण योजना तथा नेवकान्स जो कृषकों को परामर्श की सेवायें प्रदान करता है। जिसके आधार पर नाबार्ड का राष्ट्रीयकृत बैंको के मिलकर वित्त योजना तैयार की जाती है। कृषि परियोजनाओं  को वित्त पोषण को बढावा मिलता है। इन योजनाओं के आधार पर परियोजना रिपोर्ट शामिल है।