उच्चतर माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का अध्ययन | Original Article
प्रस्तुत शोधपत्र में उच्चतर माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का अध्ययन किया गया। इस शोध कार्य में हमने भिन्ड शहर के 6 विद्यालयों से 60 विद्यार्थियो को न्यादर्श के रूप में चुना है। जिसमें 30 शासकीय विद्यालय तथा 30 अशासकीय विद्यालय के विद्यार्थी है। आंकड़ों के सकंलन के लिए उपकरण के रूप में डॉ. अशोक शर्मा एवं डॉ. मीनू अग्रवाल का व्यक्तित्व मापनी का प्रयोग किया गया। प्रस्तुत शोध कार्य से हमें यह निष्कर्ष प्राप्त हुआ है कि शासकीय एवं अशासकीय विद्यालय के विद्यार्थियों के व्यक्तित्व मे सार्थक अन्तर होता है। तथा शासकीय एवं अशासकीय विद्यालय के बालकों एवं बालिकाओं के व्यक्तित्व मे भी सार्थक अन्तर होता है। इससे यह परिणाम प्राप्त होता है। कि शिक्षण संस्थानों की जिम्मेदारी होती है कि वह विद्यार्थियों के सम्पूर्ण व्यक्तित्व को प्रभावशाली बनाए तथा विद्यार्थियों के बाह्य एवं आंतरिक गुणों का सामने लाए। शासकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों का व्यक्तित्व अधिक प्रभावशाली होता है। क्यूंकि विद्यार्थियों को अशासकीय विद्यालयों में नई तकनीकी, प्रभावशाली शिक्षण पद्धति एवं विद्यार्थी केन्द्रित शिक्षण दिया जाता है। जिससे उनकी छुपी प्रतिभा बाहर आती है तथा उनके व्यक्तित्व को प्रभावशाली बनाती है।