भारतीय स्टेट बैंक में प्रशिक्षण कार्यक्रम का मूल्यांकन | Original Article
विकास की तीव्रतर गति ने सामाजिक, आर्थिक परिस्थितियों में निंरतर परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। इन परिवर्तनों के फलस्वरूप समाज के प्रत्येक वर्ग को समय की मांग के अनुरूप तैयार रखना आवश्यक हो गया है। समाज के विभिन्न वर्गों द्वारा सफलता अर्जित करने के लिए निंरतर प्रशिक्षण् प्राप्त करना एंव प्रशिक्षण देना आधुनिक युग में सफलता प्राप्त करने का एक माध्यम बन चुका है।
बैंकिंग उद्योग हमारी अर्थव्यस्था का तीव्र गति से विकसित होने वाला क्षेत्र है अतः वर्तमान एंव भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए इस क्षेत्र के अंतर्गत कार्यरत अधिकारियों एंव कर्मचारियों को विकसित करना अति आवश्यक है इस आवश्यकता की पूर्ति प्रशिक्षण द्वारा संभव है। भारतीय स्टेट बैंक जो भारत का शीर्षस्थ राष्ट्रीयकृत बैंक है इसमें भी प्रशिक्षण के द्वारा ही कार्यरत अधिकारियों एंव कर्मचारियों को बदलती हुई चुनौतियों के लिए तैयार किया जाता है। भारतीय स्टेट बैंक में सन् 1969 से पहले बैंक में मुख्यतः कार्य पर प्रशिक्षण प्रदान करने की व्यवस्था थी। क्योंकि उस समय तक बैंक केवल सीमित सेवांए ही पं्रदान करता था। लेकिन 1969 के पश्चात बैंक शाखाओं का तेजी से विस्तात हुआ, बैंकों के द्वारा कई नई सेवांए प्रारंभ की गई परिणामस्वरूप बैंक में कुशल कर्मचारियों की आवश्यकता तीव्रता से महसूस की गई। इन बढ़ी हुई आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु कार्य पर प्रशिक्षण के साथ-साथ कार्येत्तर प्रशिक्षण भी बैंक द्वारा कर्मचारियों को प्रदान किया जाने लगा। भारतीय स्टेट बैंक ने प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए 4 शीर्षस्थ कालेज एंव कई प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना की। बैंक में कार्य पर प्रशिक्षण के अंतर्गत मुख्यतः कोचिंग