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महिला उद्यमिता की समस्याएं एवं संभावनाएं: एक अध्ययन | Original Article

रत्ना मिश्रा1 डॉ. उषा शर्मा2 in Shodhaytan (RNTUJ-STN) | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

सारांष

वर्तमान समय में उद्यमिता किसी भी देष की आर्थिक, सामाजिक और औद्योगिक विकास का आधार बन चुका है। उद्यमिता एक ऐसी तकनीक या कार्यविघि है, जिसमें व्यक्ति ज्यादा से ज्यादा लाभ कमाना चाहता है। आज देष एवं दुनिया में महिला एवं पुरूष दोनों उद्यमी अपना उद्योग चला रहे हैं और विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। एक उद्यमी के रुप में यह कह सकते हैं कि महिला उद्यमी वे महिलाएं होती हैं जो व्यावसायिक विचारों को उत्पन्न करके उन्हें साकार रुप प्रदान करती हैं। हमारे देष में अधिकांष पुरुष उद्यमी अपने उद्यम को चलाने में सफल रहे हैं क्योंकि उन्हें परिवार, समाज इत्यादि का भरपूर सहयोग मिलता रहा है परन्तु वहीं महिला उद्यमी के समक्ष अनेक चुनौतियॉं होती हैं, जिनका उन्हे सामना करना पडता है जो महिलाओं इन चुनौतियों का सामना कर पाती हैं वे सफल हो जाती हैं और जो इन चुनौतियों का सामना नहीं कर पाती हैं, वे असफल हो जाती हैं। इस लेख का प्रमुख उद्देष्य है, महिला उद्यमिता अथवा महिला उद्यमी के सम्मुख आने वाली समस्याओं के बारे में जानना एवं महिला उद्यमियों के लिए भविष्य की संभावनाओं के बारे में जानना। यह लेख पूर्णतः द्वितीयक ऑकडों एवं  कुछ अनुभवों पर आधारित है। समस्याओं को जानने के लिए विभिन्न लेखों एवं विवरणों का अध्ययन किया गया है। इस अध्ययन से यह पता चला कि हमारे देष में महिला उद्यमियों के सम्मुख अनेक समस्याएं आती हैं, जैसेः- परिवारिक सहयोग में कमी,पुरुष प्रधान विचारधारा ,निर्णय की स्वतंत्रता न होना, जोखिम वहन करने की क्षमता में कमी,जागरुकता की कमी, आत्मविष्वास की कमी, अनुभव की कमी,वित्तीय स्थिति इत्यादि, परन्तु सरकार और परिवार के सहयोग से इस क्षेत्र में भी महिलाओं के योगदान को और अधिक बढ़ाया जा सकता है। महिलाओं को जागरुक करके एवं समाज की विचारधारा में बदलाव लाकर भी महिला उद्यमिता में सहयोग किया जा सकता है।