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उच्च शिक्षा का नव परिवर्तित रूप | Original Article

डॉ॰ अंजू बंसल in Shodhaytan (RNTUJ-STN) | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

सारांष

वर्तमान में उच्च शिक्षा में अनुशासन हीनता, बेरोजगारी भटका हुआ व आत्मविश्वास से हीन युवाओं का पदार्पण हो रहा है। छात्रों पर डिग्रियों को लेकर प्रश्नचिन्ह लगाये जा रहे हैं, प्रश्न चिन्ह छात्रों पर होना चाहिए या डिग्री प्रदान करने वाले विश्वविद्यालयों पर। इस अनुत्तर प्रश्न का समाधान खोजना होगा। उच्च शिक्षा में नई शिक्षा नीति 2020’ युवाओं को रोजगार व उचित दिशा प्रदान करेगी तथा युवाओं को नैतिक मूल्यों का ज्ञान कराकर एक सम्पूर्ण समाज का निर्माण करेगी। कृत्रिम बौद्धिकता व कोडिंग शिक्षा को महत्व मिलेगा और गाँव के प्रत्येक नागरिक तक शिक्षा पहुँचेगी। विश्वविद्यालय के पास प्रवेश, परीक्षा व परिणाम, तीन मुख्य काम है ज्ञान से विज्ञान से उनका कोई अभिप्राय नहीं, इसी को सही दिशा देने का प्रयास होगा। उच्च शिक्षा मे ंछात्र या तो आर्ट का या विज्ञान का या कार्मस का होकर रह जाता है अब वह जिस विषय को पढ़ना चाहे उसका ज्ञान प्राप्त कर सकता है। गुरु और शिष्य के सम्मान भाव ने निरन्तर कमी आ रही है। नैतिक मूल्यों का ज्ञान व आत्मिक उन्नति द्वारा युवाओं को ऊँचा उठाने का प्रयास होगा ताकि प्राचीन काल की गुरु शिष्य परम्परा लौट सके और उच्च शिक्षा भारत के युवा को प्रगति के समस्त सोपानों के दर्शन करा सकें।