मध्यप्रदेश के कृषि क्षेत्र में मोबाइल गवर्नेंस का विश्लेष्णात्मक अध्ययन | Original Article
सारांश
इक्कीसवीं सदी मोबाइल संचार की सदी है। इस नवीन सूचना क्रांति ने आज सभी को पीछे छोड़ दिया है। आधुनिक मोबाइल तकनीकी के आने से सूचना क्रांति में एक नए युग की शुरूआत हुई, जिसने तमाम सीमाओं को लांघकर गांव और शहर के बीच की दूरी को कम किया है। मोबाइल का उपयोग शुरूआत में सिर्फ संचार के लिए ही होता था, लेकिन शासन-प्रशासन के तौर तरीकों में तब्दीली लाने के लिए मोबाइल को एक महत्त्वपूर्ण उपकरण के रूप में देखा जा रहा है। सरकारी और गैर-सरकारी एजेंसियां मोबाइल गवर्नेंस का उपयोग जनता तक सिर्फ जानकारी पहुंचाने के लिए ही नहीं बल्कि ‘कभी भी और कहीं भी’ सेवाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से किया जा रहा है, जिसके माध्यम से स्वास्थ्य, शिक्षा, ऊर्जा, कृषि, बैंकिंग और व्यवसाय आदि क्षेत्रों में मोबाइल सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। मध्यप्रदेश में मोबाइल गवर्नेंस बढ़ावा देने के लिए नए-नए मोबाइल ऐप्स का निर्माण किया जा रहा है। मध्यप्रदेश सरकार हेल्पलाइन, टोल फ्री नंबर और एसएमएस की मदद से मोबाइल शासन को मजबूती देने का काम कर रही है। मध्यप्रदेश, ‘डिजिटल इंडिया’ की तर्ज पर ‘डिजिटल मध्यप्रदेश’ के सपने को साकार करने के उद्देश्य से डिजिटल सेवाओं को लागू कर रहा है, ताकि प्रदेश की जनता डिजिटल रूप से डिजिटल मध्यप्रदेश की दिशा में कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ सकें। इसलिए नागरिकों तक मोबाइल सेवाओं को पहुँचाने के लिए राज्य में तरह तरह के मोबाइल नवाचारों का निर्माण किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में लोक सेवाओं की पहुँच को व्यापक बनाना है। मध्यप्रदेश में मोबाइल ऐप्स के जरिए गवर्नेंस की भूमिका इसीलिए महत्त्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि मोबाइल अकेला ऐसा माध्यम है। जिसे देश की आबादी का बड़ा हिस्सा इस्तेमाल करता है, जो ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की सीमाओं को लांघता हुआ बड़ी तेजी से दूर-दराज के इलाकों तक अपनी पहुंच बना रहा है।