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आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत स्मार्ट तकनीक से कृषि का कायाकल्प | Original Article

निशा अग्रवाल1 उषा शर्मा2 in Shodhaytan (RNTUJ-STN) | Multidisciplinary Academic Research

ABSTRACT:

सारांश

भारत सहित विष्व में तेजी से बढ़ती जनसंख्या ने मानव समाज के सामने खाद्यान्न आपूर्ति की चुनोती खड़ी कर दी है। ऐसे में तेजी से बढ़ती आबादी की सेवा के लिए कृषि पद्धतियों को विकसित करना आवष्यक है। आजकल विकसित देषों में आधुनिक खेती को लाभकारी एवं टिकाऊ बनाने हेतु स्मार्ट कृषि पर जोर दिया जा रहा है, यह भारत के लिए भी एक सुनहरा अवसर है। कृषि क्षेत्र में भारत ने आाज़ादी के बाद एक लम्बा एवं संधर्ष भरा सफ़र तय किया है। इसी बात से प्रेरित होकर प्रस्तुत शोध विषय का चयन किया गया है। प्रस्तुत शोध का मुख्य उद््देष्य आत्मनिर्भर भारत अभियान के अन्तर्गत कृषि विकास का अध्ययन करना और स्मार्ट तकनीक से कृषि कार्य में आने वाली समस्याओं का पता लगाना है। शोधकार्य में संमक संकलन के लिए द्वितीय संमंक विधि का प्रयोग किया गया है। भारत सरकार कृषि को र्स्माट तकनीक से संचालित करने एवं किसानों की आय को दोगुनी करने हेतु कई योजनाएं चला रही है। आज देष में भारत सरकार के कई मोबाइल ऐप उपलब्ध है जो कृषि की प्रक्रिया में किसानों के लिए काफी मददगार साबित हो रहें है। सेंसर, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, डेटा संग्रह, डेटा विष्लेषण अंकरण एवं आई.टी सिस्टम आधारित कृषि की भारत में शुरूवात हो गयी है। लेकिन साथ ही इस रास्ते में कई व्यवहारिक कठिनाइयां भी है। इन चुनौतियों को बारीकी से समझकर इस दिषा में ठोस प्रयास करने होगें ताकि स्मार्ट कृषि को बडे़ पैमाने पर ’व्यवहारिक’ बनाया जा सके।